तर्ज - अम्बे तू है जगदम्बे काली
गोगाजी देव खिंवादी वाले,
भक्तो के है रखवाले,
हम सब उतारे तेरी आरती,
गोगाजी अँखियाँ ये तुमको निहारती,
गोगाजी देव खिंवादी वाले....
ददरेवा में जन्म लियो है, क्षत्रिय वंश चौहान,
भादव सुदी नवमी का शुभ दिन था वो महान,
जेवर सिंह जी के तुम हो दुलारे,
बाछल कुँवर के प्यारे,
केमलदे के हो जीवन साथी,
गोगाजी अँखियाँ ये तुमको निहारती,
गोगाजी देव खिंवादी वाले....
हुवे समाधित श्री गोगा जी, कलयुग में पूजाये,
मनोकामना पूरी करते, जो भी ध्य्यान लगाये,
गोगा जी भक्तो के संकट हरते,
खुशियो से झोलीया भरते,
दुनिया ये दर पे डेरा डालती,
गोगाजी अँखियाँ ये तुमको निहारती,
गोगाजी देव खिंवादी वाले....
पोष सुदी पूनम का दिन, बड़ा था मंगलकारी,
स्थापना हुई मंदिर की, होवे जयजयकार तुम्हारी,
100 साल पुराना है ये मंदिर,
लगता है बड़ा ही सुंदर,
धन्य हुई गोंड़वाड की धरती,
गोगाजी अँखियाँ ये तुमको निहारती,
गोगाजी देव खिंवादी वाले....
श्री गमीबाई भुरमलजी पर है ये महर तुम्हारी,
तवरेचा वोरा परिवार कहे रखी लाज हमारी,
गोगाजी हमारे घर आँगन,
आपके होते दर्शन,
"दिलबर" ये आरती भव से तारती,
गोगाजी अँखियाँ ये तुमको निहारती,
गोगाजी देव खिंवादी वाले....