तुझे पिता कहूं या माता,
तुझे मित्र कहूं या भ्राता,
सौ सौ बार नमन करता हूँ,
चरणों में झुकाकर माथा,
तुझे पिता कहूँ या माता………
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ,
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ
जो भी आया दर पर तेरे,
तूने बात ना उसकी टाली,
प्रभु तेरी कुदरत से ही,
एक हाथ से बज जाए ताली,
जो तेरे दर का भिखारी,
वो कुछ ना कुछ तो पाता,
सौ सौ बार नमन करता हूँ,
चरणों में झुकाकर माथा,
तुझे पिता कहूँ या माता………
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ,
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ
जिस भक्त ने तुझे पुकारा,
तू आके ह्रदय में समाया,
कभी भक्त की करुणा सुनकर,
तूने उसका कष्ट मिटाया,
कण कण में तू ही बसा है,
पर कही नज़र नही आता,
सौ सौ बार नमन करता हूँ,
चरणों में झुकाकर माथा,
तुझे पिता कहूँ या माता……….
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ,
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ
है धरा पाप से बोझल,
तब हमने तुझको पुकारा,
अब धीरज ड़ोल रहा है,
तू दे दे हमे सहारा,
बिन तेरे इस दुनिया में,
हमें कोई नज़र नही आता……….
सौ सौ बार नमन करता हूँ,
चरणों में झुकाकर माथा,
तुझे पिता कहूँ या माता………
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ,
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ
तुझे पिता कहूं या माता,
तुझे मित्र कहूं या भ्राता,
सौ सौ बार नमन करता हूँ,
चरणों में झुकाकर माथा,
तुझे पिता कहूँ या माता……..