जय जय गुरुवरम्म जय जय सुरिवर्म

तर्ज - नगाड़ा नगाड़ा बजा

जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म,
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म,
हो...पचासवाँ दीक्षा दिवस है, छाई खुशियाँ अपार,
श्री जिन मनोज्ञ सूरि गुरुवर की, हो रही जय जयकार,
दुठारिया नगरी में देखो, ये है गजब नजारा,
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म,
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म.....

हो .. दीक्षा दिवस की मंगल बेला अंगना हमारे आई,
स्वर्णिम अवसर खरतरगच्छ में, हर्ष ओर खुशियां छाई,
झूमो नाचो गावो भक्तो, शुभ दिन है बड़ा प्यारा,
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म,
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म.....

श्री जिन कांतिसूरी जी की, बगियाँ के फूल ये प्यारे,
श्री प्रतापमल माँ  देमी देवी के, है ये राज दुलारे,
मिले गुरुवर त्यागी, सौभाग्य है  हमारा,
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म,
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म.....

बालेवा के नन्दन, तुमको कोटि कोटि वन्दन,
दीक्षा दिवस की देके बधाई, भक्त हुआ है पावन,
श्री जिन मनोज्ञ सूरि जी "दिलबर", प्राणों से भी प्यारा ।।
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म,
जय जय गुरुवर्म, जय जय सुरिवर्म.....
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