राम नाम की लूट है लूटत बने तो लूट,
अंत समय जब आएगा तो कुछ ना हमसे पूछ!!
हरि भजन में दिल को लगाना,
जिंदगी का नहीं है ठिकाना....
हरदम जपते रहो राम के नाम को,
कौन कहता है कि छोड़ दो काम को,
सच्चा साथी है ये हमने जाना,
जिंदगी का नहीं है ठिकाना....
हरि का ध्यान करो धर्म कार्य करो,
पाया मानुष उसका तन जग में नाम करो,
व्यर्थ में यों ना जीवन बिताना,
जिंदगी का नहीं है ठिकाना....
ये है मानव का तन बड़ा चंचल है मन,
मन में चलता रहे राम जी का भजन,
देखकर सुंदरी ना भुलाना,
जिंदगी का नहीं है ठिकाना....
गायें हरिवंश दास भजन करके विश्वास,
नाम इस जग में है करके जाना,
जिंदगी का नहीं है ठिकाना....
लेखक -हरिवंश दास