मै तो भरन गई थी नीर राम की सू, गंगा जी के घाट राम की सू....
आगे आगे कृष्ण चले पीछे चले सखियां, इतने में भीड़ लाग गयी गंगा के किनारे,
ए लगी कसूती भीड़ राम की सू...
गंगा जी किनारे कृष्ण गाय चरावे, इतनी लंबी लाइन लाग गयी जमुना के किनारे,
उते बजी कसूती बीन राम की सू....
इतने में कृष्ण आ गया नंद का दुलारा, मटकी मेरी फोड़ दी यशोदा के लाला ने,
मेरे कपड़े छीटम छींट राम की सू....
कह दीजो उस कृष्ण से हमारे से वैर करे कोई न, जो हमारे से वैर करे तो उसकी खैर रहे न ,
रे मै गूजर वो हीर राम की सू....