कुण तो सुणेला कुणने सुनाऊं,
म्हारे मन की बात,
थां बिन दुखड़ा कोण हरे,
खाटू वाला श्याम,
श्याम थारा दास पुकारे,
दास ने मत बिसरा रे॥
अईया कईया रुश्यो बाबा,
मुंह फेर बैठ्यो रेे,
टाबर रोवे ढल ढल थारा,
कालजो यो टूट्यो रेे,
अब तो सुनले सेठ सांवरा,
बाता म्हारी मान,
थां बिन दुखड़ा कोण हरे,
खाटू वाला श्याम,
श्याम थारा दास पुकारे,
दास ने मत बिसरा रे॥
थारे बिना श्याम थारा,
दास बिचारा है,
म्हे तो सुण्या हा थे तो,
हारया का सहारा है,
मै भी दर पर हर के आयो,
चरण लगाल्यो श्याम,
थां बिन दुखड़ा कोण हरे,
खाटू वाला श्याम,
श्याम थारा दास पुकारे,
दास ने मत बिसरा रे॥
गुण अवगुण सब,
म्हारा स्वीकार्या है,
‘दीक्षा’ ने सावरियां थे,
कालजे लगाया है,
सदा श्याम थारा गुण गाऊ,
लेऊ थारो नाम,
थां बिन दुखड़ा कोण हरे,
खाटू वाला श्याम,
श्याम थारा दास पुकारे,
दास ने मत बिसरा रे॥
कुण तो सुणेला कुणने सुनाऊं,
म्हारे मन की बात,
थां बिन दुखड़ा कोण हरे,
खाटू वाला श्याम,
श्याम थारा दास पुकारे,
दास ने मत बिसरा रे॥