खड़े हैं दर पे दर्शन को,
चरण शिवजी के छूने को,
कगार मैं जल चढ़ाती हूँ तो वो मछली का झूठा है,
ईसीलिये पैर नहीं पडते तेरे मंदिर में आने को,
खडे है दर पे दर्शन को,
चरण शिवजी के छूने को........
कगार में फूल चढ़ाती हूँ तो वो भँवरे का झूठा है,
ईसीलिये पैर नहीं पडते तेरे मंदिर में आने को,
खडे है दर पे दर्शन को,
चरण शिवजी के छूने को........
कगार में दिल चढ़ाती हूँ तो वो पापों का झूठा है,
अगर में फूल चढ़ाती हूँ तो वो भँवरे का झूठा है,
ईसीलिये पैर नहीं पडते तेरे मंदिर में आने को,
खडे है दर पे दर्शन को,
चरण शिवजी के छूने को......