ले लो ले लो रे भोले जी का नाम,
मिठाई लाई पचरंगी,
ले लो ले लो रे बीके बिन दाम,
ये रुत आई सावन की,
ले लो ले लो रे हरि जी का नाम,
मिठाई लाई पचरंगी,
लड्डू में गणराज हैं घेवर में गिरजा माई,
मेवा में महादेव विराजे सिरा गंगा माई,
धूल जाते हैं पाप तमाम मिठाई लाई पचरंगी,
ले लो ले लो रे बीके बिन दाम,
ये रुत आई सावन की॥
हलवे में हनुमान विराजे पेड़ा लक्ष्मण भाई,
बर्फी में है सीता मैया पेठा में हैं भरत भाई,
रसगुल्ले में हैं श्रीराम मिठाई लाई पचरंगी,
ले लो ले लो रे बीके बिन दाम,
ये रुत आई सावन की॥
श्री कृष्ण जी बड़े सुहाने जैसे आधा चंदा,
दूध और मक्खन खाकर बैठे रबड़ी बन गई राधा,
बालूशाही में है बलराम मिठाई लाई पचरंगी,
ले लो ले लो रे बीके बिन दाम,
ये रुत आई सावन की॥
गुजिया में हे दुर्गा मैया सदा करें रखवाली,
भुजिया में है भैरव बाबा चाल चले मतवाली,
बन जाते हैं बिगड़े काम मिठाई लाई पचरंगी,
ले लो ले लो रे बीके बिन दाम,
ये रुत आई सावन की,
ले लो ले लो रे भोले जी का नाम
मिठाई लाई पचरंगी.......