बावा लाल जी दी निकली सवारी
बावा लाल जी दी निकली सवारी-दर्शन पा लौ भगतो.
शोभा प्रभात-फेरी दी (शोभा यात्रा दी शोभा)न्यारी-दर्शन......
देखो देखो दूज दा, चंन चढ़ आया ए।
मिटिया हनेर, जग चानन छाया ए।।
आए योगीराज लीला अवतारी,
दर्शन पा लौ भगतो.....
पालकी च बैठे सज रहे बावा लाल ने।
संत भगत चल रहे, नाल नाल ने।।
बड़ी सुन्दर दरस दीदारी,
दर्शन पा लौ भगतो......
झूल रहे झण्डे, वज्ज रहे सोहने ताल नें।
हर पासे गूंजदे, जयकार बावा लाल ने।।
भगत कर रहे मंगलाचारी,
दर्शन पा लौ भगतो.....
बस रहीयां कलियां, ते पुष्प गुलाल ने।
संगता ‘‘मधुप’’ हरि होईयां निहाल ने।।
लगे लंगर, रौनक भारी,
दर्शन पा लौ भगतों......।