मेरे गुरुवर प्यारे , मेरे गिरिधर प्यारे ।
जोइ गुरुवर प्यारे, सोइ गिरिधर प्यारे।
भज गुरुवर प्यारे, भज गिरिधर प्यारे।
जहँ गुरुवर प्यारे, तहँ गिरिधर प्यारे।
उर गुरु धर प्यारे, उर हरि धर प्यारे।
जय हो गिरिधर प्यारे, जय हो गिरिधर प्यारे।
गुरु भज हरि प्यारे, हरि भज गुरु प्यारे।
गुरु कह हरि प्यारे, हरि कह गुरु प्यारे ।
कह ‘ कृपालु' प्यारे, दोउ कृपालु प्यारे॥
पुस्तक - ब्रज रस माधुरी-3
पृष्ठ संख्या-1
कीर्तन संख्या-1