जय बोलूं जय बोलो प्रभु बागेश्वर धाम सरकार की ।
करत कृपा प्रभु कलयुग में लिखंति लिखल विधि विधान की ।।
प्रभु जी तुम मेरो दुःख हरो ,मैं अज्ञानी बालक प्रभु जी तुम्हरी सरना ।
कोई कृपा राखो प्रभु ,कष्ट परल तन पर दो आराम पल भरमा ।
क्योंकि सुनी है मैंने ,
प्रभु जी लीला आपकी ।।
जय बोलूं जय बोलो . . .
प्रभु जी तुम्हरी माया सब जानें - जानें सारा संसारा ,
प्रभु जी तुम बागेश्वर धाम सरकार के नाम से पूरे विश्व में बिगड़े काम बनावत हो सारा ।
यही हां लीला जन-जन में व्याप्त है प्रभु जी आपकी ।
जय बोलूं जय बोलो . . .
जब कोई भी सारे संसार से हार जावत है ,
प्रभु जी फिर उसे अपनी सरन बुलावत हैं ।
यही है माया प्रभु श्री राम भक्त ,
महाबली जी हनुमान की ।।
जय बोलूं जय बोलो . . .
जिस किसी को भी खुद पर विश्वास न हो , सिर्फ एक बार प्रभु के चरणों में आकर देखो तो ।
कि कैसी माया है जग दुःख हरता - जग पालनकारी ,
श्री बागेश्वर धाम सरकार की ।।
जय बोलूं जय बोलो . . .
प्रभु कष्ट मिटावत है तन से जे कोई - भी प्रभु की भक्ति करतो है मन से , प्रभु से जे कोई भी कछु भी मांगे प्रभु उकर पूर्ण करते हैं मनोकामनाएं क्षण से - क्षण से ।
यही है वाणी माननीय श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज की । ।
जय बोलूं जय बोलो प्रभु बागेश्वर धाम सरकार की ।
करत कृपा प्रभु कलयुग में लिखंति लिखल विधि विधान की ।।
"लेखक : ठाकुर अभय प्रताप सिंह" । ।