हे भय भंजन जन सुख रंजन:
हे भय भंजन जन सुख रंजन,
समय की यहीँ पुकार,
संजीवनी लाओ फिर इक बार,
हे भय भंजन------
कोरोना संकट है अति भारी,
वैश्विक बिपदा जटिल बिमारी,
लाय संजीवनी प्राण बचाओ,
मचा है हाहाकार,
संजीवनी लाओ फिर इक बार,
हे भय भंजन------
हे महावीर विक्रम बजरंगी,
तुम बिनु और कोऊ ना संगी,
धाय धवल गिरि बूटी लाओ,
सुन लो करुण पुकार,
संजीवनी लाओ फिर इक बार,
हे भय भंजन------
नासो रोग हरो सब पीरा,
हे दुःख भंजन हनुमत वीरा,
तोहें शपथ श्री रघुनाथ की,
सकल जग कर उद्धार,
संजीवनी लाओ फिर इक बार,
हे भय भंजन--------
रचना आभार: ज्योति नारायण पाठक
वाराणसी