भोले दे विआह दे विच
मैं तां, भोले दे, विआह दे विच ॥
तीन लोक का, राजा भोला, गौरां, एक लोक की रानी ॥
दोनों की, देखो कितनी, अज़ब है, प्रेम कहानी ।
आज देखो, दोनी की... आज शादी, हो रही है... ।
हम सबको, चलना है...
मैं तां, भोले दे, विआह दे विच, नचणा ए ॥।
नचणा ए, मैं नचणा ए ।
नच नच, नचणा, ख़ुशी मनौणा ॥
ख़ुशी, मनौणा, शगुन भी पौणा ॥
कई वर्षों की, करके तपस्या, गौरां ने, शंकर पाया ।
सारे देवी, देवताओँ ने, मिलके, जश्न मनाया ॥
अब देखो, गौरां की... जय माला, हो रही है... ।
हम, सबको चलना है,
मैं तां, भोले दे, विआह दे विच, नचणा ए ॥।
नचणा ए, मैं नचणा ए ।
नच नच, नचणा, ख़ुशी मनौणा ॥
ख़ुशी, मनौणा, शगुन भी पौणा ॥
देवोँ के संग, भूतों की टोली, सब का, खिल गया चेहरा ।
जब करके, बैल सवारी आया, भोला, बाँध के सेहरा ॥
मंडप में, दोनों के... अब फ़ेरे, हो रहे हैं... ।
हम, सबको चलना है...
मैं तां, भोले दे, विआह दे विच, नचणा ए ॥।
नचणा ए, मैं नचणा ए ।
नच नच, नचणा, ख़ुशी मनौणा ॥
ख़ुशी, मनौणा, शगुन भी पौणा ॥
आओ, मिल के सारे, ख़ुशी मनाईए, दिन यह, फिर नहीं औणा ।
स्वर्ग दा, सब तों, सोहणा जोड़ा, होर, कोई नहीं होणा ॥
अब शिव और, शक्ति की... हाँ जी, शादी हो गई है... ।
गीत, पुनीत यह लिखदा ए...
मैं तां, भोले दे, विआह दे विच, नचणा ए ॥।
नचणा ए, मैं नचणा ए ।
नच नच, नचणा, ख़ुशी मनौणा ॥
ख़ुशी, मनौणा, शगुन भी पौणा ॥
नचणा ए, मैं नचणा ए ॥
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल