लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
देखो प्यारे भोले नाथ होकर नंदी पर असवार,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ....।
नंदी पे सवार होके डमरू बजाते,
चले आ रहे है भोले हरि गुण गाते,
पहने नरमुंडो की माल ऊपर से ओढ़े म्रग छाल,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ....।
हाथ में त्रिशूल लिए भस्मी रमाये,
झोली गले में डाले गोकुल में आए,
पहुचें नंद जी के द्वार भोले बाबा भोले नाथ,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ....।
बोले यशोदा माँ से कहा है कन्हैया,
दर्श दिखा दो हमको लेगे बलैय्या,
सुनकर नारायण अवतार आया हूँ मैं तेरे द्वार,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ....।
बोली यशोदा मैया जोगी तुम जाओ,
द्वार पे मेरे ना डमरू बजाओ,
मेरा नन्हा सा गोपाल तुम कोई दोगे जादू डाल,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ....।
बात ये सुन के भोले हंसे खिलखिला कर,
बोले यशोदा से डमरू बजाकर,
जाकर देखो अपना लाल मिलने को है वो बेहाल,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ....।
इतने में मोहन आए बंसी बजाकर,
यशोदा भी देखे उनको ध्यान लगाकर,
देखे उनको सक नर नार ये तो है कृष्णा अवतार,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ भोले बाबा भोलेनाथ,
काशी नगरी से आए है शिव शंकर,
लेके गौरा जी को साथ.........