श्यामा ऐवे ना बजाया कर बंसरी
के घरो सानु मार पैंदी है हारावलिया
श्यामा रोज ना लिख्या कर चिठिया
के वृन्दावन आन मिलागे हारावलिया
श्यामा......
पानी भरन दे बहाने आजा
के तेरा मेरा इक रास्ता हारावलिया
श्यामा......
श्यामा फागुन महीना आया
के आजा दोवे होली खेडीए हारावलिया
श्यामा.....
सत्संग दे बहाने आजा
के आजा आपा दोवे नचिये हारावलिया
श्यामा.....