देना हो तो दे दे सँवारे क्यों ज्यादा तरसावे से,
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥
अरे काट काट चक्कर मैं तेरे दर पे हार लिया,
ना पिंड तेरा छोड़ूगा यु मन में पक्का धार लिया,
यु मन में पक्का धार लिया ,यु मन में पक्का धार लिया,
अरे काट काट चक्कर मैं तेरे दर पे हार लिया,
ना पिंड तेरा छोड़ूगा यु मन में पक्का धार लिया,
भकत तेरा भूखा सोवे, तू छप्पन भोग लगावे से॥
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥
तेरे भरे ख़ज़ाने धन के यो ना दुनिया सारी का,
जब भगत तेरा दुःख पावे के फायदा इस साहूकारी का॥
तेरे भरे ख़ज़ाने धन के यो ना दुनिया सारी का,
जब भगत तेरा दुःख पावे के फायदा इस साहूकारी का॥
धेला तक तन्ने दिया नहीं बस बाता में बहकावे से,
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥
तन्ने देना पड़े जरुरी मैं जिद्दी घना अनाड़ी सु,
जे सेठ तू नंबर वन से मैं नंबर वन भिखारी सु,
तन्ने देना पड़े जरुरी मैं जिद्दी घना अनाड़ी सु,
जे सेठ तू नंबर वन से मैं नंबर वन भिखारी सु,
सब भगाता के आगे क्यों तै अपनी पोल खुलवे से॥
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥
मैं हर क्या रास ने पापा तेरे धाम पे चल के आऊ सु,
फ़ोकट में कोन्या मांगू तेरे नए नए भजन सुनाऊ सु॥
मैं हर क्या रास ने पापा तेरे धाम पे चल के आऊ सु,
फ़ोकट में कोन्या मांगू तेरे नए नए भजन सुनाऊ सु॥
क्यों दर्शन अपने देवन में कंजूसी घणी दिखावे से,
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥