मैं भटक भटक के हारा तूने ऐसा दिया सहारा,
मेरे सिर पर तेरा हाथ मैं क्यों गबरहु,
मेरी मंज़िल तेरा धाम बाबा कही और ना जाऊ,
होता है तब दीदार भरोसा ओ मन में,
हर हारी बाजी जीत जायेगा जीवन में,
मेरी तुमसे हो हर बात श्याम मैं इतना चाहु,
मेरी मंज़िल तेरा धाम बाबा कही और ना जाओ
नादान से हो अगर भूल तो माफ़ी देता है,
कोई राज छुपाये राज खबर कर लेता है,
रख सवास स्वास तेरा नाम श्याम मैं ना विषराऊ,
मेरी मंज़िल तेरा धाम......
हे पालनहार शरण में रखलो नाथ मेरे,
है तुमसे जुड़े एहसास और जज्बात मेरे,
सागर का कोई जान बाबा तेरे गन गाउ,
मेरी मंज़िल तेरा धाम......