कोई विपदा हो मुझपे पड़ी जो
जग में कहाँ मैं जाऊंगा
तेरे ही दर आऊंगा मैं
शीश झुकाऊँगा
मैं नमन करूँ नमन मैं करूँ
जग सारा दौड़ा आता तेरी शरण में बाबा
तुमने लगाया जिसको अपने गले से बाबा
भव सागर से वो तर जाएँ बाबा
पार उतारो नैया मेरी मैं भी आऊंगा
मैं नमन करूँ नमन मैं करूँ
बाबा जगत कल्याणी सारे दुखो को हर लो
झोली तो सारे जग की सारे सुखों से भर दो
सारे जग के तुम दाता हो बाबा
तेरी चौखट पर मैं आया खाली ना जाऊंगा
मैं नमन करूँ नमन मैं करूँ
तेरी शरण में आके तुझको पुकारा जिसने
संकट में हो कोई तो संकट मिटाया तुमने
धीरज आया तेरे घर पे ओ बाबा
संकट में तो मैं भी पड़ा हूँ तुझको बुलाऊंगा
मैं नमन करूँ नमन मैं करूँ