मेरे रोम रोम में वस् गया इ सखी बाबा घाटे वाला,
बोला सा रूप सादा सा बाना,
होके मगन राम गन गाना,
भक्ति के नशे में कर गया इ सखी बाबा घाटे वाला,
मेरे रोम रोम में वस् गया.............
रंग सिंधुरी मन में भागेया,
कलयुग में यो न्यारा सा गा,
मने अपने रंग में रंग गया इ सखी बाबा घाटे वाला,
मेरे रोम रोम में वस् गया....
जब ते भूली दुनिया दारी,
खिली जीवन की केसर तयारी,
मेरे मन में फूल खिला गया रे, इ सखी बाबा घाटे वाला,
मेरे रोम रोम में वस् गया.....
कहे करिश्मा जोगन बन जाऊ,
तेरे नाम की टहल बजाउ,
गावन की भूख बड़ा गया इ सखी बाबा घाटे वाला,
मेरे रोम रोम में वस् गया..........