अंजनी का लाला मेरे घर आया, घर आया मेरे घर आया
मुझपे तरस ये खा गया और मेरा मान बढ़ा गया
सुनली मेरे बाबा ने फरियाद ॥, रखली इसने आज भगत की लाज ॥
अरजी मेरी, इसने सुनी ॥, सेवक का साथ निभा गया ॥
और दुनिया को दिख ला गया।
अंजनी का लाला मेरे घर आया.....
कैसे करूँ मैं बाबा का सत्कार ॥, निर्धन तो बस दे सकता है प्यार ॥
क्याँ दू भला, सोचूँ खड़ा ॥, ये सच्ची प्रीत निभा गया ॥
और रूखी - सुखी खा गया।
अंजनी का लाला मेरे घर आया.....
कैसे करूँ तेरा, बाबा पूजन - ध्यान -॥, मैं तो हूँ बाबा, बालक नादान ॥
गाऊँ राम धुन, मैं तो सदा ॥, फेरू राम नाम माला सदा ॥
और मुझको दरश दिखला गया।
अंजनी का लाला मेरे घर आया.....
दिल में मेरे, बाबा की तस्वीर ॥, जिन्दल जागी आज तेरी तकदीर ॥
इसके भजन, गाऊँ सदा ॥,मुझको भुलाया ना गया ॥
और उड़कर बाबा आ गया।
अंजनी का लाला मेरे घर आया, घर आया मेरे घर आया
मुझपे तरस ये खा गया - 2 और मेरा मान बढ़ा गया"
रचियता :- राजेश कुमार जिंदल "बंटी", इन्दौर