सुना दी मैंने सांवरे को अपने दिल की बात,
आना है हर में तुमको गिरस की है रात,
कहा छुप छुप कर बैठे हो के मुझसे क्यों रूठे हो,
चौकठ पे ये भगत तेरा सारी रात बितायेगा,
देखना है मुझको भी तू क्या क्या बहाना बनायेगा,
ठान लिया है मैंने भी अब करनी है मुलाकात,
आना है हार हाल में तुमको ग्यारस की है रात,.....
क्या इस का बिल नहीं हु मैं जो तेरे दर्शन पाउ,
संवाली सूरत पे मोहन कब तक मैं वारि जाऊ,
सुनलो अब तो सांवरिया मेरी छोटी सी एक बात,
आना है हार हाल में तुमको ग्यारस की है रात,.....
आज का दिन बड़ा पावन लगता बिन मौसम,
फूलो के गजरे में देखो महके मेरा मन पावन,
राखी देखो नाच रही है मिल कर सबके साथ,
आना है हार हाल में तुमको ग्यारस की है रात,.....