जदों मन तेरा डोले गुरां नु याद कर या कर,
फ़र्ज़ तू कर ले पुरे सारे लीन न इस विच होई,
ऐ दुनिया हे चार दिहाड़े बेठ के फिर न रोई,
जगत दे झूठे ताने नाम संग प्यार करेया कर,
एस दुनिया दा सफ़र निराला कदम कदम में खाई,
इस दुनिया तो बचन दी खातिर सांता युक्ति बनाई,
जब तक जीवन नाल प्रभु दा नाम जपाया कर,
जिस नगरी विच तेरा बसेरा ओह चोरा दा डेरा,
चार दिना दा डेरा बहनों चिड़ियाँ रेन बसेरा,
अमृत वेले बंदियां प्रभु दा ध्यान करया कर.
वेख के महिमा सतगुरु दी मन मेरा भर आया,
पाटे पाटे रमा हु है फिर वि नज़र ना आया,
सत्संग वेले बंदया प्रभु दा नाम जपाया कर,