म्हारे काग आंगणे बोले हेली , गुरु मिलण की आस,
गुरु मिलण की आस , म्हारे राम मिलण आस,
म्हारे काग आंगणे......
इंदर अखाड़े आया हेली , बादल घटा छाया,
जैसे मेरा सतगुरु आया , बिजली के प्रकाश,
म्हारे काग आंगणे.....
झरमर मियो बरसे , यू सबको जीवड़ो हर्षे,
ज्ञानी जीव तो सतगुरु परसे , मूर्ख फिरे उदास,
म्हारे काग आंगणे......
सतगुरु शब्द सुनावे हेली , समज्या सेन लिखावे,
ज्याका जन्म मरण मिट जावे जी , रहे गुरु का दास,
म्हारे काग आंगणे......
गोकुल स्वामी सतगुरु दाता , गणी करू अरदास,
लादूदास दर्शन मन भावे जी , चरण कमल में वास,
म्हारे काग आंगणे.......
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( चम्पा लाल प्रजापति )