ले भोले का नाम काहे दर दर भटके,
पायेगा आराम काहे दर दर भटके,
विष पी कर जो अमृत भानटे,
विपदा सब भक्तो की काटे,
सब से बड़ा धनवान वही है,
शिवशंकर भगवान वही है,
कर उसको परनाम काहे दर दर भटके....
सबके है जो पालनहारे,
भेखटके जा उनके दवारे,
देख दया की खान वही है,
देने वाला दानी वही है,
बन जाएगा काम काहे दर दर भटके....
ले भोले का नाम...
गली गली खाये जा ठोकर,
रूत गये जो भोले शंकर,
कोई करे गा मान नहीं है,
यानी फिर कल्याण नहीं है,
हो कर के बदनाम काहे दर दर भटके,
ले भोले का नाम...
वो तो है वरदानी जिनको ढूंढ रहा है प्राणी,
भट तू ले पहचान वही है शिव शंकर भगवान वही है,
कृष्ण बने कभी राम कहे दर दर भटके,
ले भोले का नाम...