जब जरूरत थी मुझको साईं ने दिया बाबा ने दिया,
मैं करूं शुक्रिया मैं करूं शुक्रिया ।
सारी दुनिया में इनको तो रोशन किया हां रोशन किया,
मैं करूं शुक्रिया मैं करूं शुक्रिया...जब जरूरत ॥
दुनिया है दीवानी साईं नाथ की हाथ साईं नाथ की,
उनको देखा तो मैं भी दीवाना हुआ हां दीवाना हुआ ।
शिरडी मंदिर में साईं का दर्शन हुआ हां दर्शन हुआ,
मैं करूं शुक्रिया मैं करूं शुक्रिया...जब जरूरत ॥
लड़खड़ाने से पहले संभाला मुझे हां संभाला मुझे,
गम के हर एक भंवर से निकाला मुझे हां निकाला मुझे ।
ना दिया मेरी आशा का बुझने दिया हां बुझने दिया,
मैं करूं शुक्रिया मैं करूं शुक्रिया...जब जरूरत ॥
साईं तुमसा कोई भी फरिश्ता नहीं हां फरिश्ता नहीं,
यू निभाता कोई मुझसे रिश्ता नहीं हां रिश्ता नहीं ।
मुस्कुराकर मेरे अश्कों को पी लिया,
मैं करूं शुक्रिया मैं करूं शुक्रिया...जब जरूरत ॥
जग के झूठे झमेलों से मुंह मोड़ लो हां मुंह मोड़ लो,
प्रीत मेरी तरह साईं से जोड़ लो साईं से जोड़ लो ।
तुम भी वही कहोगे ''सचिन'' ने कहा,
मैं करूं शुक्रिया मैं करूं शुक्रिया...जब जरूरत ॥
संकलन:गिरधर महाराज
भाटापारा छत्तीसगढ़
93000 43737