राम है नाम या है खुदात का
शुकर कैसे करू सदा आप का
कुछ लोग तुम को हिन्दू है केहते
केहते है के साईं मंदिर में रहते
कुछ बता ती है मशिज्द पता आप का
शुकर कैसे करू सदा आप का
भटके थे दर दर हम मारे मारे
लगाई है किश्ती तू ही ये किनारे
बन गया कर्म हे दुआ आप का
शुकर कैसे करू सदा आप का
जमाने ने जब तुम्पे ऊँगली उठाई
ही आप का कुछ भी बिगड़ा है साईं
कल्पना और रही न घटा आप का
शुकर कैसे करू सदा आप का