शिप्रा के तट भोले नाचे छमाछम,
उज्जैन नगरी भी बोले बमाबम,
जय हो तुम्हारी महाँकाल भोले,
डमरू बजाते घुँगरू बजाते,
तांडव दिखाते महाँकाल भोले,
जय हो तुम्हारी महाँकाल भोले.....
शंकर जी नाचे, मैय्या हरसिद्धि नाचे,
चिंतामन बाबा गजानंद नाचे,
नाच रही हे मैय्या शिप्रा भवानी,
कल-कल हे बहती कल धार भोले,
जय हो तुम्हारी महाँकाल भोले......
सारे ही तन भोले भस्मी रमाये,
मुंडो की माला गले में सजाये,
नाग भी लिपटे हे बाबा के काले,
अनुपम हे रूप तुम्हारा भोले,
जय हो तुम्हारी महाँकाल भोले......
फैल गई बाबा शिव की जताए,
लगती है जैसे वो काली घटाए,
गंगा भी माथे पे झूम रही है,
खुशिया है मन में अपार भोले,
जय हो तुम्हारी महाँकाल भोले
चलो रे शिव के तट पर हम जाए,
भोले ले चरणों की धूलि उठाये,
माथे लगा लो ये पवन है माटी,
कर देंगे बाबा निहाल भोले,
जय हो तुम्हारी महाँकाल भोले
श्री गजानंद जागरण ग्रुप उज्जैन म. प्र.,
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