प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को,
ऐसे प्रभु मैं तुझे ढूंढ रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझको खोज रहा,
प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को,
सोना चांदी मैं तो ना मांगू,
मन तेरे प्रेम से रचता रहु मैं,
ऐसे प्रभु मैं तुझे ढूंढ रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझको खोज रहा,
तुम ही मेरे मन की अभिलाषा,
पूजा तेरी नित नित करता रहु मैं,
ऐसे प्रभु मैं तुझे ढूंढ रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझको खोज रहा,
तू जो मेरे मन में वास करे,
पाप से निश दिन बचता रहु मैं,
ऐसे प्रभु मैं तुझे ढूंढ रहा,
ऐसे प्रभु मैं तुझको खोज रहा,