शंकर दा घोटा - ला घोटा, कुंडे विच सोटा - ला घोटा,
शिव दे मस्त मलंग जो भग्तो, ऱज के पींदे भंग जो भग्तो,
वड्डा की छोटा - ला घोटा,
1. भंग नु रगड़े लाये भगतां,
विच बदाम मिलाये भगतां,
विच फेर के पोटा - ला घोटा,
2. फिर भगतां ने दुध रलाया,
खुल्ला डुल्ला मिट्ठा पाया,
पूरा भर के लोटा - ला घोटा,
3. पी के घोटा चढ़ गयी मस्ती,
भुल गए सारे अपणी हस्ती,
पतला की मोटा - ला घोटा,
4. कैंदा "करमा रोपड़ वाला",
चल भग्ता तूं घोटा ला लै,
मन रहे न खोटा - ला घोटा,
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