आठो पेहर गांव शहर,
गांव शहर आठो पेहर,
भोले बाबा की जय जय कहुगा,
कावड़ियाँ था कावड़ियाँ हु कावड़ियाँ ही रहुगा,
देखना भोले पाँव के छाले मस्तक पे शिव धुनि लगा ले
भरले पावन गंगा जल तेरा सवर जाएगा कल,
कह दे भोले से दुःख न सहुगा,
कावड़ियाँ था कावड़ियाँ हु कावड़ियाँ ही रहुगा,
शिव है शक्ति साथ हमारे गणपति भप्पा काज सवारे,
झोली भर जायेगी तेरी विक्की अब न होगी देरी,
तेरी गंगा की भाति बहुगा,
कावड़ियाँ था कावड़ियाँ हु कावड़ियाँ ही रहुगा,
ॐ नमो नमो जपो शिवाये इस मंत्र से शंकर आये,
नील कंठ मेरे भोले बाबा द्वार दया के खोले बाबा,
शिव चरणों में जाकर बहुगा,
कावड़ियाँ था कावड़ियाँ हु कावड़ियाँ ही रहुगा,