सरब सुहागन मिल मंदरिये में आई
दादी जी के हाथ रचाई जी या मेंहदी
सोने की झारी में गंगाजल ल्याई
कंचन थाल घुलाई जी या मेंहदी
चांदी की चौकी पे चौक पुरायो
दादी जी बैठ मंडाई जी या मेंहदी
भाव भरी मेंहदी हाथां रांची
म्हारी दादी जी ने भोत ही प्यारी जी या मेंहदी
चरण धोय चरना में लागि
आशीष ले घर आई जी या मेंहदी
दया दृष्टी कर दो दादी जी
थारा टाबरिया मिलकर गायी जी या मेंहदी
सरब सुहागन मिल मंदरिये में आई
दादी जी के हाथ रचाई जी या मेंहदी
भजन गायिका - माधुरी मधुकर
संपर्क - 0918902154970
स्वर - माधुरी मधुकर