ना गोर का ना काले का घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का,
भारत में राजस्थान है अरे जयपुर जिसकी शान है,
जयपुर के पास ही रींगस है रींगस से उठता निशान है,
भगतो के पालनहारे का घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का,
दुनिया में निराली शान है कहलाता बाबा श्याम है,
कोई फूल चढ़ा ले जाता है कोई छपन भोग लगाता है,
सब को खुश रखने वाले का घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का,
जो मैंने कभी न सोचा था यहाँ कोशिश से न पौंछा था,
मेरे श्याम ने मुझको बचा लिया मुझे मंजिल तक पहुंचा दियां,
कन्हियाँ मुरली वाले का घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का,