जीतने वाले के सब साथी है ये हारे का सहारा ,
ऐसा श्याम हमारा ऐसा श्याम हमारा,
जिसकी नइयाँ इसने थामी भव से पार उतारा,
ऐसा श्याम हमारा ऐसा श्याम हमारा,
जिस के संग में हो कन्हियाँ उसकी न डूबे नइया,
मझधार भी क्या कर लेगा जब साथ हो ऐसा खिवैयाँ,
इस की किरपा से ही चलता हम जैसो का गुजारा,
ऐसा श्याम हमारा ऐसा श्याम हमारा,
कलयुग में डंका भजता घर घर में इसकी कहानी,
खाटू से भजता रहता भगतो को दाना पानी,
गूंज रहा सारी दुनिया में इक यही बस नारा,
ऐसा श्याम हमारा ऐसा श्याम हमारा,
जो जग से हार गया था ये उसको गले लगाता,
ये इसी लिये तो जग में हारे का साथी कहलाता,
कहे पवन जो शरण में आये कभी नहीं वो हारा,
ऐसा श्याम हमारा ऐसा श्याम हमारा,