एह गरीब नवाज मेरी बांह फड़ले,
मैनु पार करन दी आज हामी भर ले,
एह गरीब नवाज मेरी बांह फड़ले,
मैला चिक्ड चोला मेरा नदी किनारे धोवा,
साबन थोड़ा मेल है जयदा ओथे बैठी रोवा,
जे सतगुरु तेरी किरपा हॉवे पल विच निर्मल होवा,
एह गरीब नवाज मेरी बांह फड़ले,
जिथे सतगुरु पैर धरण उस राह विच फूल बरसावा,
चरण कमल दी धुनि लेके मथे उते लावा,
जे सतगुरु तेरी किरपा हॉवे जीवन सफल बनावा,
एह गरीब नवाज मेरी बांह फड़ले,
सतगुरु जी दे द्वारे मैं ता देखे अजब नजारे,
भव सागर विच रुल्दे जांदे लखा पापी तारे,
ओह तेरे इक इशारे उते भव सागर तर जावा,
एह गरीब नवाज मेरी बांह फड़ले,