भोले के चरणों में सब संकट कट ते है,
मेरे भोले भण्डारी खाली झोली भरते है
मेरे भोले बाबा का देखो रूप निराला है
मेरे डमरू वाले का देखो रूप निराला है
तन पहने मर्ग छाला गल सर्पो की माला है
भोले के चरणों में,,,,,,,,
मेरे भोले बाबा तो बड़े भोले भाले है
मेरे ओगद्दानी तो बड़े भोले भाले है
ख़ुद विष पि जाते है हमें अमृत देते है
भोले के चरणों में,,,,,,,,,
मेरे भोले बाबा की लीला बड़ी न्यारी है
,राही , शिव शभू की लीला बड़ी न्यारी है
कैलाश पे रहते है और अन्तरयामी है
भोले के चरणों में सब संकट कटते है