रहते उज्जैन में बाबा महाकाल
करते भक्तों को है भक्ति से निहाल
भक्ति में तेरी हुआ मालामाल
रहते उज्जैन में बाबा महाकाल।।
1) भोले इस जीवन का, तू ही है आधार
दुनियां देती धोखा, तू ही लेता संभाल 2
मेरा अभिमान तू, तूही स्वाभिमान
करते भक्तों को है भक्ति से निहाल
भक्ति में तेरी हुआ मालामाल
रहते उज्जैन में बाबा महाकाल।।
2) अच्छा हूं बुरा हूं पर हूं मैं तेरा लाल
भोले की चौखट का मैं हूं सेवादार 2
तेरी सेवा में ही बीते सुबहो शाम
करते भक्तों को है भक्ति से निहाल
भक्ति में तेरी हुआ मालामाल
रहते उज्जैन में बाबा महाकाल।।
3) उज्जैनी है विक्रम की प्यारी वो नगरी
शिप्रा तट महाकाल संग राजे हरसिद्धि 2
भोले भक्तो पर तो, रहते हैं दयाल
करते भक्तों को है भक्ति से निहाल
भक्ति में तेरी हुआ मालामाल
रहते उज्जैन में बाबा महाकाल।।
लेखक,गायक- पंडित मनोज नागर