मन धीर धरो, घबराओ नहीं,
भगवान मिलेंगे, कभी न कभी ll
भगवान मिलेंगे, कभी न कभी,
भगवान मिलेंगे, कभी न कभी l
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,
फूलों में नहीं, कलियों में नहीं,
काँटों में मिलेंगे, कभी न कभीं ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,
सूरज में नहीं, चंदा में नहीं,
तारों में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,,
गंगा में नहीं, यमुना में नहीं,
सरयू में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,,
बागों में नहीं, खलियानो में नहीं,
जंगल में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,
मंदिर में नहीं, मस्जिद में नहीं,
गुरद्वारे में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,,
मथुरा में नहीं, गोकुल में नहीं,
मेरे मन में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिल रामूर्ति भोपाल