थारो जनम सफल कर लीजो रे, सतसंग मे
सत संगत मे सतगुरू आवे,धर्म कर्म की बात बतावे
हिरदे धारण कर लीजो रे सतसंग मे
सुगरा री तु संगत कीजे,भीतर कूङ कपट तज दीजे
राम नाम रस पीजे रे सतसंग मे
सुगरा रे संग सुमति आवे,सुमति शुभ कर्म लगावे
पाप कर्म मत कीजो रे सतसंग मे
सदानन्द साची कहवे बाता,इस जग मे सब झूठा नाता
गुरू वचन मान लीजो रे सतसंग मे
रचनाकार:-स्वामी सदानन्द जोधपुर
M.9460282429