संसार के बंधन आज श्याम में तोडना चाहती हु,
तेरे नाम के संग अपना नाम मैं जोड़ना चाहती हूँ
तुम संग ही जीना तुम संग ही मरना ऐसा हो जीवन मेरा,
तुम संग ही हसना तुम संग ही रोना ऐसा द्रिड निश्रेय मेरा,
तेरे रंग की रंगी चुनरियाँ श्याम आज मैं ओडना चाहती हु,
तेरे नाम के संग .....
नैनो में तुम हो सांसो में तुम हो नस नस ये तुमको पुकारे,
जनम जनम के ठाकुर मेरे ओ मेरे गोविन्द प्यारे,
तेरी माया का मेला आज श्याम मैं छोड़ना चाहती हु,
तेरे नाम के संग.......
तेरे रंग में रंगी चुनरी श्याम में ओडना चाहती हु,
संसार के बंधन आज श्याम में तोडना चाहती हु,