तरज़:-मईया बधाई है बधाई है
बोल:-श्री राधा जु के पद कमल,मैं बन्दंऊ बारम्बार
जिनकी कृपा कटाक्ष ते,रिझत नंद कुमार
सब दुआरन को छाडके,अब आयो तिहारे
द्वार
है वृषभानु की लाडली,निक मेरी ओर निहार
काहू के बल भजन है,काहू के आचार
व्यास भरोसे कुवंरी के,सोवत पांव पसार
राधा नाम सुखदाई है,श्यामा नाम सुखदाई है
जिसनें भी महिमा इनकी गायी हे,शाम हुआ
उनका सहाई है
राधा....
1. किशोरी जू तुम चरणन बलिहार
उन इस चिह्न बिराजत जिन्ह मथ,रसकन की
रखवारी
पोढ़त सेज तबहिं जिन्ह चरणन,चांपत लाल
बिहारी
हिय दृग लाय चूम सचु पावत,निरख रहत
शोभारी
जिन चरणन तर मुकुट परै पिय,मान मनावत
प्यारी
हिय हित उमंग मिलत ताही छिंन,जिन चरणन
महिमारी
शक्ति अनन्त रही जिन छत चरणन,बसीकरण
पिय को जो सदारी
जै श्री मोहन लाल आस तिन,चरणन बनत न
कह
उपमारी
राधा नाम सुखदाई है,श्यामा नाम सुखदाई है
जिसनें भी महिमा इनकी गायी हे,शाम हुआ
उनका सहाई है
राधा....
2. सहज सुभाव परयो नवल किशोरी जू कौ,
मृदुता,दयालुता,कृपालुता की रासि हैं
नैकहूं न रिस कहूं भुले हू न होत सखि,रहत
प्रसन्न
सदा हियेमुख हासि हैं
ऐसी सुकुमारी प्यारे लाल जू की प्रान प्यारी,
धन्य,धन्य,धन्य तेई जिनके उपासि हैं
हित ध्रुव ओर सुख जहां देखियत,सुनियतु जहां
लागि सबै दुख पासि है
राधा नाम सुखदाई है,श्यामा नाम सुखदाई हैं
जिसनें भी महिमा इनकी गायी हे,शाम हुआ
उनका सहाई हैं
राधा....
3. किशोरी,मोहि देहु वृन्दावन वास
कर करवा हरवा गुंजन के,कुंजन मांझ निवास
नित्यबिहार निरखि निसि वासर,छिन छिन चित
हुलास
प्रेम छकनि सौं छक्यौ रहौं नित,लखि दम्पति
सुखरास
देह-गेह सुधि-बुधि सब बिसरौं,चरण-शरण की
आस
बृजवासिन के मंदिर,घर-घर,रुचि कैं पाऊं गास
कुं
राधा नाम सुखदाई है,श्यामा नाम सुखदाई है
जिसनें भी महिमा इनकी गायी हे,शाम हुआ
उनका सहाई है
राधा....
4. धनि-धनि वृन्दावन के वासी
जिनकी करत प्रसंसा सुक मुनि,उद्धव बिधि
कमलासी
आन देव की संक न मानत,संतत जुगल
उपासी
बैकुंठहु की रुचै न संपति,कब मन आवै कासी
श्री जमुना-जल रुची सों अचवत,मुक्ति भई
तहां
दासी
अष्ट-सिद्धी नव-निधि कर जोरे,हियै बसत रस-
रासी
श्री बंसी अंलि कृपा किसोरी,कछु इक महिमा
भासी
राधा नाम सुखदाई है,श्यामा नाम सुखदाई है
जिसनें भी महिमा इनकी गायी हे,शाम हुआ
उनका सहाई है
राधा....