राधे कृष्णा हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे

राधे कृष्णा हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे,
श्याम सूंदर की अजब है लीला और निराले खेल बड़े,
राधे कृष्णा हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे,

नट खट गिरधर नन्द के लाला जब भी बिगड़ी तूने सम्बाला,
भव सागर से सब की नैया पार करी,
राधे कृष्णा हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे,

राधे राधे जो रटे करे वृन्दावन वास,
राधे राधे रट ते रट ते मेरे तन से निकले प्राण,
मथुरा में कंस को पछाड़ा देके मतृयु उसको तारा,तारण हारे मेरे,
राधे कृष्णा हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे,

वृन्दावन में रावस रचाये गोकुल में कान्हा सब का माखन चुराए,
ब्रिज की रज का भोग लगाया सांवरियां श्याम मेरे,
राधे कृष्णा हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे,

भावे मन को श्यामा सूरत तिहारी लग गई मोहन मुझे लगन तुम्हारी,
श्याम सलोने बोल के दुनिया तेरी शरण में पड़े
राधे कृष्णा हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे,
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