उधो मत आइयो समझाने जाके कांटो लगे वही जाने,
जाये बसे हो दूर ब्रिज में भेजत हो संदेशा,
हम गोपित नित राह तकत है सुख गये मोरे नैना,
वैरी पीर नही पहचाने,जाके कांटो लगे वही जाने,
मोर मुकट वैजन्ती माला दीजियो उसको जाये,
कहियो अंसुवन जल सो यमुना खारी न हो जाये,
कोई भी मत अइयो समजाने जाके कांटो लगे वही जाने,
छोड़ गये हो नन्द दुलारे राधा को सांवरियां,
श्यामा श्यामा रट ते रट ते हो गी मैं वन्वारियां,
पथराई मियाँ की अँखियाँ रे जाके कांटो लगे वही जाने,