मस्ती भोले नाथ की छाई आनंद ले रहे कावड़ियाँ,
हरिद्वार में बम बम भोले बोले कावड़ियाँ रे,
पावन धारा गंगा माँ की डुबकी ले रहे कावड़ियाँ,
मस्ती भोले नाथ की छाई आनंद ले रहे कावड़ियाँ,
भोले शंख रूप में डोले डमरू वाले कावड़ियाँ,
तेरे होजा पुराण काम दर्शन करले कावड़ियाँ,
मस्ती भोले नाथ की छाई आनंद ले रहे कावड़ियाँ,
भवर कलम चलावे प्यारे प्यारे कावड़ियाँ,
संध्या कैसे धूम मचावे ठुमका करे कावड़ियाँ,
मस्ती भोले नाथ की छाई आनंद ले रहे कावड़ियाँ,