हे रे भोले तेरे मेले में छम छम नाचे कावड़ियाँ,
तेरी भगति में हुये दीवाने बालक बूढ़े छेल सुहाने,
ही रे रे भगतो की इस रेले में छम छम नाचे कावड़ियाँ,
तेरे प्यार में रंग गई नगरी जग मग जग मग ज्योति जग रही,
ही रे धाम तेरे अलबेले मे छम छम नाचे कावड़ियाँ,
दूर दूर से जनता आवे देख देख के मन हर्शावे,
हे रे गाडी मोटर ठेले में छम छम नाचे कावड़ियाँ,
सतन खटाना भजन बनावे केशव और शिवानी गावे,
हे रे कान हारो इस खेले में छम छम नाचे कावड़ियाँ,