कोई दुख में करीब ना आया
मेरे श्याम ने हाथ बढ़ाया
कोई दिल का हाल ना पूछें
मुझे पग-पग राह ना सूझे
घनघोर अंधेरा छाया
मेरे श्याम ने हाथ बढ़ाया
जब मुश्किल ने मुझे घेरा
कोई अपना नहीं था मेरा
अपनों ने मुझे रुलाया
मेरे श्याम ने हाथ बढ़ाया
अब श्याम है चाहत तेरी
नहीं और तमन्ना मेरी
सोनी- जब दर पे आया
सोनी- जब दर पे आया
मेरे श्याम ने हाथ बढ़ाया