शिव शम्भू ने जिसका बनाया अद्भुत रूप निराला,
सब से पहले पुजू तुमको नाम जपु तेरी माला,
अपने भगतो पे आने ना देता कोई भी कष्ट क्लेश,
तेरी जय जय जय हो गणेश,
देवो में तुम सर्परी हो मानव राज के प्यारे हो,
रिद्धि सीधी के तुम हो दाता सब के राज दुलारे हो,
ब्रह्मा विष्णु करे वंदना तुम को ध्यावे महेश,
तेरी जय जय जय हो गणेश,
तुम हो विधयता तुम हो स्ववामी सारे जगत के पालक हो,
भोग लगत है लड्डुवन का तीनो लोक के मालिक हो,
जग मग्न हो करे वदना तुम को ध्यावे महेश,
तेरी जय जय जय हो गणेश,