माँ आंबे मेरी मात भवानी,
हे दुर्गे माँ जग कल्याणी,
सुन लो मेरी पुकार मेरी माँ आया मैं तेरे द्वार,
ना मांगू मैं माल खजाना मिल जाए चरणों में ठिकाना,
तेरी लग्न में मगन रहु मैं ऐसा बना दे मुझको दीवाना,
भगति की पाउ बहार मेरी माँ आया मैं तेरे द्वार,
मेरे मन का फूल खिला दे,
भगति का माँ कुछ तो सिला दे,
भटक रहा हु जन्म जन्म से रूह से मेरी मुझको मिला दे,
जीवन के गुलजार
मेरी माँ आया मैं तेरे द्वार,
लाखो को माँ तुमने तारा,
भवर से सब की कश्ती निकाला,
करुणा की अवतार हो आंबे भगतो पर अपना जीवन वारा,
हम को न कर इंकार मेरी माँ सुन लो न मेरी पुकार,