दादी को उत्सव आयो भगता दरबार लगायो

दादी को उत्सव आयो भगता दरबार लगायो,
तेरो मंगल गान है गायो तेरी जय जय कार लगायो,
थाने तो आनो पड़सी है वादों तो निभानो पड़सी है,

आजा माहरी दादी मैं कद से बात उडीका,
ज्योत जगाई थारी मैं सारी रात उडीका,
हे मत न देर लगाओ दादी दौड़ी दौड़ी आओ,
थाने तो आनो पड़सी है वादों तो निभानो पड़सी है,

रखो सुखो दादी आज तू भोग लगा ले,
क्यों ममता से रूठी आकर गले लगा ले,
माहने थारी याद सतावे महारो हिवड़ा भर भर आवे
थाने तो आनो पड़सी है वादों तो निभानो पड़सी है,

प्रगति ज्योत में दादी माँ अध्भुत रूप दिखाओ,
लाल चुनरियाँ ओहदे माँ रोज रोज भोग लगायो,
मैं थारो हुकम बजावा हे महारो मान बड़ादो,
थाने तो आनो पड़सी है वादों तो निभानो पड़सी है,
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