हम हाथ उठा कर कहते है हम हो गए झुँझन वाली के,
तेरे चलते शान और शौख़त है मेरा सब कुछ तेरी बदौलत है,
हम शीश झुका कर कहते है,हम हो गए झुँझन वाली के,
हम हाथ उठा कर कहते है....
किस्मत से मुझे दरबार मिला जो भुला नहीं वो प्यार मिला,
बहते हुये आंसू कहते है हम हो गए झुँझन वाली के,
हम हाथ उठा कर कहते है
जब तक मेरी ये सांसे चले मेरा श्याम रहे छइयां के तले,
हम बड़ी शान से कहते है हम हो गए झुँझन वाली के,
हम हाथ उठा कर कहते है