जय माता की...जय माता की..
डंका जग की महारानी का,
बजता माँ जीण भवानी का,
गोरिया जैसा धाम नहीं,
है सब की जुबां पे नाम यही,
ये भंवरावाली बड़ी भोली भाली
अपने भक्तो की करती रखवाली |
जिसने पल्ला थाम लिया,जीण माँ का नाम लिया,
जो शरण आया तेरी,माँ तूने उसका काम किया,
जिसपे हो गयी तेरी मेहर,उसको फिर कैसी है फिकर,
खूँटी तान के वो सोये माँ जिस पे पड़ गयी तेरी नजर,
सारा जग तेरी महिमा गाता,जय जय जीण भवानी माता,
तेरे चरणों से ही जुड़ा है हम भगतों का नाता,
कहते वेद पुराण यही,है सब की जुबां पे नाम यही,
ये भंवरावाली बड़ी भोली भाली
अपने भक्तो की करती रखवाली |
जय माता की..जय माता की...
सारे बोलो जय माता की....
‘सौरभ मधुकर’ सोचे क्या,मईया की जयकार लगा,
चल के गोरिया धोक लगा,सारा संकट कट जाएगा,
मईया ने बुलाया है,फिर से मौक़ा आया है,
तू समझ ना पाया है तो बाद में पछतायेगा,
कर ले गोरिया की तैयारी,छोड़ के सारी दुनियादारी,
भंवरावाली के मेले की चर्चा है भई भारी,
बनते बिगड़े काम यही,है सब की जुबां पे नाम यही,
ये भंवरावाली बड़ी भोली भाली
अपने भक्तो की करती रखवाली |
भजन गायक - सौरभ मधुकर
रचयिता - सौरभ मधुकर